जिसके बाद गुलशन की मां -बहन और गांव के अन्य लोग भी मौके पर पहुंचकर देखते हैं तो गुलशन निषाद गंभीर रूप से घायल है और कुछ बोल नहीं पा रहा है। आनन -फानन में परिवार के लोग गुलशन निषाद को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पनियरा लेकर जाते हैं। वहां पर डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर देते हैं जिसके बाद रात्रि लगभग 12:00 बजे गुलशन निषाद ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद डॉक्टरों ने पोस्ट मार्टम के लिए शव को मर्चरी में रखवा लिए और फिर अगले दिन शव को परिजनों को सौंप दिया। जिसके बाद गुलशन निषाद के परिजनों ने आरोपियों पर कार्यवाही न होता देख शव को मुजुरी मार्ग पर रखकर गांव के ही कुछ लोगों पर कार्यवाही की मांग करने लगे। जिसके बाद आस पास के लोगों का भीड़ देखकर पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठी चार्ज कर दिया। जिसमें मिली जानकारी के अनुसार कुछ लोगों ने भीड़ का सहारा लेते हुए पथराव कर दिया उसके बाद कई थानों की फोर्स ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को काबू किया।
भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने जबरदस्ती शव को भौराबारी दाह संस्कार के लिए भेज दिया जहां पर निषाद समाज के चर्चित युवा समाजसेवी धर्मात्मा निषाद ने शव को रुकवाकर मृतक के भाई गुड्डू निषाद को बुलवाकर शव का दाह संस्कार करवाया। साथ ही साथ एडिशनल एसपी आतिश कुमार सिंह को परिवार की तरफ से प्रार्थना पत्र दिलाकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग किए। जिसपर एडिशनल एसपी आतिश कुमार सिंह ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करवाते हुए दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने का आश्वासन दिये। जब हमने धर्मात्मा निषाद से इस मामले की जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के साथ खड़ा हूं और शासन -प्रशासन से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का हर संभव प्रयास करूंगा। अभी फिलहाल दाह संस्कार करवाकर पीड़ित परिवार के घर जा रहा हूं और पूरी जानकारी प्राप्त कर लूं फिर आगे परिवार को न्याय कैसे मिले उसपर ध्यान देना है। अब देखना यह है कि क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है कि नहीं ये तो भविष्य में ही पता चलेगा फिलहाल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए सभी समाजसेवियों को आगे आना चाहिए।
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